दो चम्मच हँसी और चुटकी भर मुस्कान, बस यही खुराक है, ख़ुशी की पहचान – नमस्कार
किसी को अपना बनाओ तो “दिल” से बनाओ “जुबान” से नहीं और किसी पर गुस्सा करो तो “जुबान” से करो “दिल” से नही सुई में वही धागा प्रवेश कर सकता है जिस धागे में कोई गांठ नहीं हो, सब को इकट्ठा रखने की ताकत प्रेम में है और सब को अलग करने की ताकत वहम में है।
नाराज न होना कभी यह सोचकर कि काम मेरा और नाम किसी का हो रहा है घी और रुई सदियों से जलते चले आ रहे है और लोग कहते है दिया जल रहा है।
दो चम्मच हँसी और चुटकी भर मुस्कान, बस यही खुराक है, ख़ुशी की पहचान। कभी कभी “गुस्सा” मुस्कुराहट से भी ज्यादा ‘स्पेशल’ होता है, क्योंकि “स्माईल” तो सबके लिए होती है मगर “गुस्सा” सिर्फ उसके लिए होता है जिसे हम कभी “खोना” नहीं चाहते।
प्रिय मित्र आपको यह आर्टिकल पसन्द आया हो तो Comments जरूर कीजिएगा। दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मेरे प्रिय मित्र। महाकाल आपकी सब मनोकामना पूर्ण करें, उनका स्नेह आपको और आपके सारे परिवार को सदैव मिले।:):):)
