सुन्दर सुबह का मीठा – मीठा नमस्कार
विचार ऐसे रखो कि तुम्हारे विचारो पर भी किसी को विचार करना पड़े, समुद्र बनकर क्या फायदा बनना है तो तालाब बनो जहाँपर शेर भी पानी पीयें तो गर्दन झूकाकर।
क़ाबिल लोग न तो किसी को दबाते हैं और न ही किसी से दबते हैं। ज़माना भी अजीब हैं, नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं और कामयाब लोगो से जलता हैं।
कैसी विडंबना हैं कुछ लोग जीते-जी मर जाते हैं और कुछ लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं । इज्जत किसी आदमी की नहीं जरूरत की होती हैं, जरूरत खत्म तो इज्जत खत्म।
प्रिय मित्र आपको यह आर्टिकल पसन्द आया हो तो Comments जरूर कीजिएगा। दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मेरे प्रिय मित्र। राधेकृष्णा आपकी सब मनोकामना पूर्ण करें, उनका स्नेह आपको और आपके सारे परिवार को सदैव मिले।:):):)
