कर्मों की आवाज शब्दों से भी ऊँची होती है
कर्मों की आवाज शब्दों से भी ऊँची होती है दूसरों को नसीहत देनातथा आलोचना करना सबसे आसान काम है।सबसे मुश्किल काम है चुप रहना औरआलोचना सुनना यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए। आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए I
माली प्रतिदिन पौधों को पानी देते है मगर फल सिर्फ मौसम में ही आते हैं इसीलिए प्रतिदिन बेहतर काम करना चाहिए। परिणाम समय पर जरूर मिलेगा।
जितना बडा सपना होगा उतनी बडी तकलीफें होगी और जितनी बडी तकलीफें होगी उतनी बडी कामयाबी होगी। कर्म करो तो फल मिलता है,आज नहीं तो कल मिलता है, जितना गहरा अधिक हो कुँआ,उतना मीठा जल मिलता है, जीवन के हर कठिन प्रश्न का जीवन से ही हल मिलता है।
प्रिय मित्र आपको यह आर्टिकल पसन्द आया हो तो Comments जरूर कीजिएगा। दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मेरे प्रिय मित्र। महाकाल आपकी सब मनोकामना पूर्ण करें, उनका स्नेह आपको और आपके सारे परिवार को सदैव मिले।:):):)
