आप का दिन शुभ जीवन सुखी और समय अनुकूल हो
न मैं गिरा,और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे पर लोग मुझे गिराने मे कई बार गिरे। सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया तकलीफ लोगों को तब हुई जब मैं फिर भी जी गया।
लोगों का आदर केवल उनकी सम्पत्ति के कारण नहीं करना चाहिये बल्कि उनकी उदारता के कारण करना चाहिये। हम सूरज की कद्र उसकी उँचाई के कारण नहीं करते बल्कि उसकी उपयोगिता के कारण करते हैं, अतः व्यक्ति नही व्यक्तित्व आदरणीय है ।
जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती और जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही मिलती। रोटी कमाना बड़ी बात नही है परिवार के साथ बैठकर “खाना” बड़ी बात है।
प्रिय मित्र आपको यह आर्टिकल पसन्द आया हो तो Comments जरूर कीजिएगा। दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मेरे प्रिय मित्र। महाकाल आपकी सब मनोकामना पूर्ण करें, उनका स्नेह आपको और आपके सारे परिवार को सदैव मिले।:):):)
