Saturday, 13 June 2020

कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन, उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है







साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन,


तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,


कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,


उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।


असफलताए इंसान को तोड़ देती है,


जीवन की राहों को नया मोड़ देती है,


जो करते हैं, जी-जान से प्रयास पूरा,


असफलताएं उनका पीछा छोड़ देती है।








सोचने से कहाँ मिलते हैं तमन्नाओं के शहर,


चलना भी जरुरी है मंजिल को पाने के लिए।


लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं,


मैंने उस हाल में जीने की क़सम खाई है।


मैं अकेला ही चला था मंज़िल की ओर मगर,


लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया।


अपने हाथों की लकीरों को क्या देखते हो ?


किस्मत तो उनकी भी होती है, जिनके हाथ नहीं होते।


जिन्दा रहो जब तक, लोग कमियां ही निकालते हैं ,


मरने के बाद जाने कहाँ से इतनी अच्छाइयां ढूंढ लाते हैं।








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